1. के फलक उदग्र अक्ष के समातंर होते हैं तथा अन्य दोनों अक्षों को काटते हैं। 2. प्रिज्म (prism) के फलक उदग्र अक्ष के समातंर होते हैं तथा अन्य दोनों अक्षों को काटते हैं। 3. के फलक उदग्र अक्ष और एक पाश्र्व अक्ष को काटते हैं तथा दूसरे पार्श्व अक्ष के समातंर होते हैं। 4. प्रिज्म (prism) के फलक उदग्र अक्ष के समातंर होते हैं तथा अन्य दोनों अक्षों को काटते हैं। 5. (घ) प्लैटिक्टीनिया-इनमें शरीर उदग्र अक्ष में चिपटा होता है और इस प्रकार रेंगने के लिए संपरिवर्तित हो जाता है; 6. डोम (dome) के फलक उदग्र अक्ष और एक पाश्र्व अक्ष को काटते हैं तथा दूसरे पार्श्व अक्ष के समातंर होते हैं। 7. समुदाय में दो समान क्षैतिज अक्ष य1 और य2 एक दूसरे पर समकोण बनाते हैं और उदग्र अक्ष ल असमान है। 8. डोम (dome) के फलक उदग्र अक्ष और एक पाश्र्व अक्ष को काटते हैं तथा दूसरे पार्श्व अक्ष के समातंर होते हैं। 9. चतुष्कोणीय (tetragonal) समुदाय में दो समान क्षैतिज अक्ष य1 और य2 एक दूसरे पर समकोण बनाते हैं और उदग्र अक्ष ल असमान है। 10. चतुष्कोणीय (tetragonal) समुदाय में दो समान क्षैतिज अक्ष य 1 और य 2 एक दूसरे पर समकोण बनाते हैं और उदग्र अक्ष ल असमान है।