1. जहाँ वसीयत करने वाला लाचारी की शिला 2. इसमें वसीयत करने वाला अपनी मौत के बाद जायदाद के बंटबारे के बारे में वर्णन किया होता है। 3. वसीयत करने वाला व्यक्ति अपनी मृत्यु के पूर्व कभी भी अपनी वसीयत में कितनी ही बार परिवर्तन कर सकता है।4. वसीयत करने वाला वसीयत में यह बताता है कि उसकी मौत के बाद उसकी जायदाद का कितना हिस्सा किसे मिलेगा।5. डॉक्टर की मौजूदगी साबित करती है कि वसीयत करने वाला उस समय होशो-हवास में था और उसकी दिमागी हालत दुरुस्त थी। 6. अवैध वसीयत गलती: वसीयत करने वाला इस बात का जिक्र नहीं करता कि रजिस्टर्ड वसीयत के अलावा बाकी कोई भी वसीयत अवैध होगी। 7. जहाँ वसीयत करने वाला लाचारी की शिला पर खड़ा है, उसी राह का पथिक हर एक को बनना है, उस बनवास के दौर से गुज़रना है तन्हा तन्हा. 8. जहाँ वसीयत करने वाला लाचारी की शिला पर खड़ा है, उसी राह का पथिक हर एक को बनना है, उस बनवास के दौर से गुज़रना है तन्हा तन्हा. 9. जहाँ वसीयत करने वाला लाचारी की शिला पर खड़ा है, उसी राह का पथिक हर एक को बनना है, तन्हा तन्हा उस बनवास के दौर से गुज़रना है. 10. उसकी इस डिजिटल विल के मुताबिक, जब यह वसीयत करने वाला यानि वह जब इस दुनिया में नहीं रहेगा, तब उनके बेटों को सही पासवर्ड दिया जाएगा.