1. समाज-कार्य के गाँधीवादी उपागम में पी. जी. डिप्लोमा पाठ्यक्रम2. समाज-कार्य के गांधीवादी उपागम में पी. जी. डिप्लोमा पाठ्यक्रम3. इसी विजय को अपनी नियति मानकर संघ समाज-कार्य में जुटा हुआ है। 4. इसी विजय को अपनी नियति मानकर संघ समाज-कार्य में जुटा हुआ है। 5. अतः मुझे समाज-कार्य के लिए जो आज्ञा मिली थी, उसका पालन करना पड़ा। 6. मैं जानता हूँ कि आप समाज-कार्य से जूड़े हुए हैं और आए दिन व्यस्त रहते हैं। 7. जो भी मित्र इस समाज-कार्य में अपना सहयोग देना चाहते हों, वे मुझसे संपर्क करें. 8. परन्तु आप जैसे विचारवान् एवं गम्भीर पुरूषों को भी समाज-कार्य में संलग्न रहते देखकर कष्ट हो तो फिर समाज-कार्य करने के लिए कौन आगे आयेगा। 9. परन्तु आप जैसे विचारवान् एवं गम्भीर पुरूषों को भी समाज-कार्य में संलग्न रहते देखकर कष्ट हो तो फिर समाज-कार्य करने के लिए कौन आगे आयेगा। 10. इतने लोगों ने अपना जीवन केवल समाज-कार्य के लिए क्यों दे दिया, इसका एकमात्र कारण यही है कि बिना समाज की उन्नति हुए व्यक्ति की उन्नति संभव नहीं है।