11. जैसे एच . के.आर. १२० किस्म पर जीवाणुज़ पत्ती अंगमारी का संक्रमण नहीं 12. यह क़िस्म रतुआ , अंगमारी तथा चूर्ण रोग अवरोधी होती है। 13. यह क़िस्म रतुआ , अंगमारी तथा चूर्ण रोग अवरोधी होती है। 14. वायव अंगमारी के लक्षण दीखने पर ० . ०५% से बेनोमिल काछिड़काव करना चाहिए. 15. चिपलिमा पर परखे गये , परन्तु पर्णच्छद अंगमारी के नियंत्रण में इनसे सफलता प्राप्त 16. नाइट्रोजन की अधिक मात्रा उपयोग करने से धान पर जीवाणुज़ पत्ती अंगमारी , तनागलन, 17. यह अंगमारी रोगावरोधी , सुनहरे पीले दाने वाली, अर्धचंद्राकार व मध्यम लम्बी किस्म है। 18. १ . २ फ्यूसेरिअल अंगमारी, जड़ सड़न एवं उकटा (ञुसरिअल् भ्लिग्ह्ट्, षोओट्-रोट् अन्ड् थिङे) रोगजनक-१. 19. रोग से प्रभावित पत्तियोंपर मुख्य रूप से धब्बे व अंगमारी ( ब्लिग्ह्ट्) के लक्ष्ण परिलक्षित होते हैं. 20. पर्णच्द्दद अंगमारी ( जीवाणु झुलसा) बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जल भराव नही होना चाहिये।