11. सहसा पोत से पथ-प्रदर्शक ने चिल्लाकर कहा - “आंधी ! ” आपत्ति-सूचक तूर्य बजने लगा। 12. तूर्य में शंख , दुन्दुभि तथा अनेक बांसुरी जैसे वाद्यों का प्रचलनरामायण काल में था.13. कैसा विजयोत्सव होने जा रहा है ? तूर्य बजाकर गौने जाना , तर जाना। 14. कैसा विजयोत्सव होने जा रहा है ? तूर्य बजाकर गौने जाना , तर जाना। 15. मर्त्य मानव की विजय का तूर्य हूँ मैं , उर्वशी! अपने समय का सूर्य हूँ मैं. 16. सहसा पोत से पथ-प्रदर्शक ने चिल्लाकर कहा - ' ' आंधी ! '' आपत्ति-सूचक तूर्य बजने लगा। 17. तूर्य वादन की तरंगों में , नर्तकों के रंग में , बालक उमंग से भरे कूद रहे हैं।18. मैं तूर्य हूं , मैं सूर्य हूंचन्द्रमा का शील हूंमैं हूँ अपरिमित बादलों से भरा गगन नील हूँ। 19. संध्या भी बढ़ रही है मुझे सूर्य रोकना है , इस अन्धकार जग में , नया तूर्य खोजना है . 20. इस समय तक तूर्य में पांच प्रकार के वाद्यों का प्रयोगहोता था जैसे-- नगाड़ा या पटह , तन्त्री, झांझ, तुरही तथा शंख.