11. मानव वध में एक को सात वर्ष की सजा संगरिया ( करवा ) ।12. अभियुक्त ने स्वयं स्वीकार किया कि उसकी पत्नी कि मृत्यु मानव वध है . 13. यह भी निर्देश था कि वह मानव वध के प्रत्येक प्रकरण में पुलिसिया प्राथमिकी दर्ज कर 14. और आपराधिक मानव वध विवेचना प्रकोष्ठ व स्थानीय पुलिस के बीच टकराव की स्थिति भी बनी रहेगी। 15. पिछले आलेख में हम ने भा . दं.संहिता की धारा 299 में परिभाषित 'अपराधिक मानव वध' पर बात की थी। 16. यहाँ छोटू जी लंबू जी की हत्या के लिए दोषी नहीं हैं , बल्कि अपराधिक मानव वध के दोषी हैं। 17. दूसरी बात यह क़ि मानवाधिकार आयोग तब कहा रहता है जब ऐसे हत्यारे समूह में मानव वध करते है . 18. अतः अभियुक्त का यह कृत्य हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध की श्रेणी में आता है। 19. कानूनी परिभाषा में इन्हें दुर्घटना कहा जाता है , लेकिन हकीकत में इन्हें मानव वध की श्रेणी में दर्ज होना चाहिए। 20. यदि उक्त कृत्य से पुलिस पार्टी में से किसी भी हमराही की मृत्यु हो जाती , तो अभियुक्त मानव वध का दोषी होता।