21. बौध धर्म की अनीश्वरवाद या नास्तिकता पर अन्य धर्म भरी पड़ रहे है ३ . 22. इस प्रकार हम देखते हैं कि अनीश्वरवाद या नास्तिकता को पीछे धकेल दिया गया है। 23. जैसे कि इससे उनका मूँदहू आँख कतऊ कछु नाहीं का अनीश्वरवाद सिद्ध होता हो । 24. बुद्ध के मूल अनीश्वरवाद , अनात्मावाद को महासांघिकों और महायानियों द्वारा निकाल दिया गया . 25. जिसमें अनीश्वरवाद से लेकर पेड़ों और पत्थर की पूजा तक सब निहित है और जीवित है। 26. किन्तु बुद्ध के अनीश्वरवाद का विकास दलित संतों के धर्म में ÷निर्गुणवाद ' के रूप में हुआ है। 27. आज से लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व समस्त भारत अनीश्वरवाद , भोगवाद में लिप्त हो गया था । 28. किन्तु बुद्ध के अनीश्वरवाद का विकास बहुजन संतों के धर्म में ÷ निर्गुणवाद ' के रूप में हुआ है। 29. बौद्ध दर्शन तीन मूल सिद्धांत पर आधारित माना गया है- 1 . अनीश्वरवाद 2 . अनात्मवाद 3 . क्षणिकवाद। 30. बौद्ध दर्शन तीन मूल सिद्धांत पर आधारित माना गया है- 1 . अनीश्वरवाद 2 . अनात्मवाद 3 . क्षणिकवाद।