21. भिन्न लिंग के प्राणी का सौन्दर्य उन्हें प्रिय तो लगता है पर अवांछनीयता की ओर आकर्षित नहीं करता। 22. अपने गुण , कर्म , स्वभाव में प्रवेश करती जाने वाली अवांछनीयता से निरंतर जूझना और उसे निरस्त करना। 23. उनके एक कोने में योद्धा भी छिपा रहता है , जो अवांछनीयता से जूझने के समय उभरता रहता है। 24. गंदा आदमी यह प्रकट करता है कि उसे अवांछनीयता हटाने और उत्कृष्टता बनाए रखने में कोई रुचि नहीं है। 25. घर- घर में जो अवांछनीयता की और अनैतिकता की बीमारियाँ फैली पड़ी हैं , घर- घर में दवा बाँटनी पड़ेगी। 26. साथ ही प्रश्वास द्वारा भीतर घुसी अवांछनीयता को बाहर धकेल कर सफाई का आवश्यक प्रयोजन पूरा कर लिया जाता है। 27. इसी प्रभाव है कि लोक चिन्तन में अवांछनीयता बढ़ रही है और प्रकृति प्रकोप का दौड़ चल पड़ा है ।। 28. हमारे बौद्धिक स्तर का इतना विकास होना चाहिए कि हमारे अंदर अवांछनीयता एवं अनुचित मान्यताओं के लिए कोई स्थान न हो। 29. यह वह पहलू है कि सारे के सारे जीवन में जहाँ सद्वांछनीयता एक ओर है , वहाँ अवांछनीयता दूसरी ओर है। 30. उसमें अवांछनीयता की गर्दन काटने के साथ-साथ , मानवीय गौरव के अनुरूप उदारता से भरी-पूरी विवेकशीलता की स्थापना की जानी चाहिए।