21. रचना आदि के कारण भी जरायुज जीव अपने पूर्वज अजरायुज जीवों की अपेक्षा बढ़े 22. जरायुज जीव भी अनेक शाखाओं में विभक्त किए गए हैं जिनमें से चार प्रधान23. सृष्टि भी स्वेदज , अण्डज , उदिभज्ज तथा जरायुज चार प्रकार की होती है। 24. ऐसे कीटों को जरायुज कहते हैं , जैसे द्रुयूका और ग्लोसाइना ( Glossina ) 25. उनमें से प्रभाकर केवल तीन ' जरायुज, अण्डज और स्वेदज' को ही शरीर मानते हैं। 26. उनमें से प्रभाकर केवल तीन ' जरायुज, अण्डज और स्वेदज' को ही शरीर मानते हैं। 27. पहली वस्तु तो वह है जिसे जरायु3 कहतेहैं और जिसके कारण जरायुज नाम पड़ा है। 28. जरायुज तथा अंडज जीवों के साथ-साथ समस्त चराचर जगत का शासन करने के सामर्थ्य का।29. जरायुज तथा अंडज जीवों के साथ-साथ समस्त चराचर जगत का शासन करने के सामर्थ्य का।30. सूक्ष्म जीवों से पंचतत्व और जरायुज आदि चार प्रकार के जीवों की उत्पत्ति हुई ।