21. देखिये ये 4 प्रकार क्या हैं ? 1 पिपीलिका मार्ग - पिपीलिका यानी चीटीं । 22. देखिये ये 4 प्रकार क्या हैं ? 1 पिपीलिका मार्ग - पिपीलिका यानी चीटीं । 23. राहों में हजारों ‘ पिपीलिका ' की कतारों की भांति लालच के घड़े मौजूद हैं । 24. जैसे शमीगणीय ( फलियों वाले पौधे), पिपीलिका गणीय, स्वास्तिक गणीय, त्रिपुण्डक् गणीय, मल्लिका गणीय और कूर्च गणीय। 25. सुंदर मणियों से विनिर्मित भवन में भी चींटी छिद्र ही ढूंढती है- ' सुन्दरमणिमयभवने पश्यति पिपीलिका रन्ध्रम्। 26. पिपीलिका पंक्ति की तरह अनेक मोडल्स की सुन्दर गाड़ियाँ , कोई किसी को ओवरटेक नहीं करता .27. गायत्री द्वारा योग साधना के पिपीलिका मार्ग , दादर मार्ग , बिहंगम मार्ग ये तीन मार्ग हैं । 28. इनमें पिपीलिका मार्ग वह है जिसके द्वारा दीर्घकाल पर्यन्त निरन्तर साधना करता हुआ साधक परमात्माकी अनुभूति कर सकता है । 29. हिरण्यकश्यपु के वध के लिये भगवान् का जड़ से उत्पन्न होना उसी प्रकार है , जिस प्रकार पिपीलिका मारने के लिए तोप लगाना। 30. जैसे शमीगणीय ( फलियों वाले पौधे ) , पिपीलिका गणीय , स्वास्तिक गणीय , त्रिपुण्डक् गणीय , मल्लिका गणीय और कूर्च गणीय।