31. हमारे शरीर में अस्थिमज्जा हीवह स्थान है जहां हर प्रकार की रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है . 32. अस्थिमज्जा में इन कोशिकाओं का न बनना ही ' सीवियर कंबाइड इम्यूनो-~ डेफिशिएंसी' रोग का कारण होता है.33. रक्तदान करते रहने से हृदय रोग में ५ प्रतिशत् की कमी तथा अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील रहती है। 34. अस्थिमज्जा प्रत्यारोपण में स्वस्थ व्यक्ति से अस्थिमज्जा कोशिकाएं प्राप्तकरके उन्हें रोगी के रक्त में पहुंचा दिया जाता है .35. अस्थिमज्जा प्रत्यारोपण में स्वस्थ व्यक्ति से अस्थिमज्जा कोशिकाएं प्राप्तकरके उन्हें रोगी के रक्त में पहुंचा दिया जाता है . 36. पिछले ३० साल से इनका उपयोग रक्त कैंसर से पीड़ित रोगियों के अस्थिमज्जा प्रतिस्थापना में किया जा रहा है। 37. जब निदान अनिश्चित होता है , या गंभीर कारकों की संभावना होती है, तब अक्सर अस्थिमज्जा बायोप्सी आवश्यक हो जाती है. 38. इन ऊतकों को अस्थि-ऊतक कहते हैं और हडडी के अन्दर जो कोमल पदार्थ पाए जाते हैं उन्हे अस्थिमज्जा कहते हैं। 39. पिछले ३ ० साल से इनका उपयोग रक्त कैंसर से पीड़ित रोगियों के अस्थिमज्जा प्रतिस्थापना में किया जा रहा है। 40. के रूप में की है जिसमें अस्थिमज्जा या मस्तिष्क का भाव है , जिसका अर्थ है दिमाग, बुद्धि, समझ, भेजा वगैरह।