31. ऐसा रोगी अस्वस्थ महसूस करता है , मिचली और उल्टी तथा उदरीय पीड़ा में बढ़ सकती हैं। 32. अग्न्याशयी विकास की शुरुआत से उदरीय व पृष्ठीय मूलरूप ( या कलियों ) का निर्माण होता है। 33. के माध्यम से रक्त और स्नायु समूह का प्रवेश क्रम जारी रहता है , ध्यान रहे ‘कि उदरीय महाधमनी: 34. यह रक्त चाप को नीचे लाएगी , प्रत्यूर्जता घटाएगी, उदरीय समस्याओं को शांत करेगी और तंत्रिकाओं को आराम पहुँचाएगी। 35. ( २ ) चीकू का नियमित सेवन उदरीय एंजाइमों ( किण्वक ) के स्राव में मददगार रहता है . 36. गर्भ और भ्रूण में वृद्धि और भ्रूण न होने तथा होने पर निगरानी रखने के लिए उदरीय परीक्षा करनी चाहिए। 37. उदरीय व पृष्ठीय अग्न्याशयी कलियों का विभेदी घूर्णन व सम्मश्रण होने से स्पष्ट रूप से अग्न्याशय का निर्माण होता है।38. उदरीय व पृष्ठीय अग्न्याशयी कलियों का विभेदी घूर्णन व सम्मश्रण होने से स्पष्ट रूप से अग्न्याशय का निर्माण होता है।39. उदरीय व पृष्ठीय अग्न्याशयी कलियों का विभेदी घूर्णन व सम्मश्रण होने से स्पष्ट रूप से अग्न्याशय का निर्माण होता है।40. गर्भ और भ्रूण में वृद्धि और भ्रूण न होने तथा होने पर निगरानी रखने के लिए उदरीय परीक्षा करनी चाहिए।