31. उस नगर में श्रीमान , सुखी, शान्त, सदाचारी तथा जितेन्द्रिय मनुष्यों का निवास है। 32. इस प्रकार सब कार्य पूरा करके जितेन्द्रिय पुरुष ब्राह्मणों के साथ भोजन करे । 33. वस्तुतः जो अग्निहोत्र में तत्पर और जितेन्द्रिय है , वही ‘ ब्राह्मण ' है। 34. आप इन्द्रियों को जीत कर जितेन्द्रिय कहलाते हैं , किन्तु इन्द्रियां मुझसे हैं । 35. इस प्रकार सब कार्य पूरा करके जितेन्द्रिय पुरुष ब्राह्मणों के साथ भोजन करे . .. 36. ' ब्राह्मण' को अहंकार रहित, स्वार्थ रहित, जितेन्द्रिय और अनासक्त योगी की भांति होना चाहिए। 37. विधान इस दिन मनुष्य विधिपूर्वक स्नान करके उपवास रखे और जितेन्द्रिय भाव से रहे। 38. लेकिन अधिकतर संन्यासी उस समय जितेन्द्रिय होते थे , इसलिये किसी ने ध्यान न दिया। 39. अयोध्या के ब्राह्मण जितेन्द्रिय , अपने कर्मों में सलंग्न , दानी एवं स्वाध्यावसायी थे। 40. संसार की एकमात्र यही संस्कृति जितेन्द्रिय होने को ही सबसे बड़ा आदर्श मानती है।