31. तुम्हारी पुच्छ ग्रेट इंडिया-पेनेंसुला रेलवे है और बाकी देलावली सब तुम्हारी रोमावली है। 32. पुच्छफाल उपस्थित रहता है , जिसके चारों तरफ पुच्छ के पर लगे होते हैं। 33. पश्चिम दिशा उसका पुच्छ भाग है और वायव्य व नैऋत्य दिशाएं उसकी जंघाएं। 34. क्षेत्रानुसार : पुच्छ • मुख्य भाग • कंठ • शिर • उंसिनेट प्रक्रिया 35. क्षेत्रानुसार : पुच्छ • मुख्य भाग • कंठ • शिर • उंसिनेट प्रक्रिया 36. तुम्हारी पुच्छ ग्रेट इंडिया-पेनेंसुला रेलवे है और बाकी देलावली सब तुम्हारी रोमावली है। 37. पुच्छ तें लपेटि फेरि दंतन दरदराइ , नखन बकोटि चोंथि देत महि डारि टारि।38. अपितु पुच्छ हिल्लन और बारम्बार पद चट्टन से अपने स्वामी को रिझाती रहती है। 39. पुच्छ तें लपेटि फेरि दंतन दरदराइ , नखन बकोटि चोंथि देत महि डारि टारि।40. गोलाकार घने प्रकाशित भाग को सिर तथा हलके प्रकाशित भाग को पुच्छ कहते हैं।