31. शारदीय नवरात्र के बाद वासंतिक नवरात्र के महत्वपूर्ण होने का यही कारण है। 32. अर्थात आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि तथा चैत्र में वासंतिक नवरात्रि होते हैं। 33. अर्थात आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि तथा चैत्र में वासंतिक नवरात्रि होते हैं। 34. कल से वासंतिक नवरात्रि का शुभारम्भ और साथ ही भारतीय नव संवत्सर का भी। 35. वासंतिक भावों से लबालब ऋषितुल्य निराला की जयकार करते हुए रामवृक्ष बेनीपुरी लिखते हैं-36. तांत्रिक साधनाएं , दस महाविद्या से समन्वित नवरात्रि को वासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है। 37. नववर्ष वासंतिक नवरात्र का भी पहला दिन है , अतः कलश-स्थापन आदि किया जाता है। 38. वासंतिक भावों के आकांक्षी निराला समाज हित में सरस्वती की कृपा की कामना करते हैं।39. इस वर्ष वासंतिक नवरात्र 6 अप्रैल से 14 अप्रैल २क्क्८ के बीच पड़ रहा है। 40. उसी वासंतिक मेला में अनेक समाज सेवी बंधुआ और बहिनों को सम्भावित भी किया गया।