41. वह कूटस्थ होता है , जितेन्द्रिय होता है और उसका आत्मा परमात्मा से युक्त होता है। 42. वह कूटस्थ होता है , जितेन्द्रिय होता है और उसका आत्मा परमात्मा से युक्त होता है। 43. संगम तट पर वास करने वाले को सदाचारी , शान्त मन वाला तथा जितेन्द्रिय होना चाहिए। 44. जितेन्द्रिय पुरुष का शास्त्र ज्ञान और राख में किया हवन भी नष्ट हो जाता है।45. 8 पर पहुनाई करने वाला , भलाई का चाहने वाला, संयमी, न्यायी, पवित्र और जितेन्द्रिय हो। 46. अर्थ : श्रद्धायुक्त , साधनपराण और जितेन्द्रिय ( व्यक्ति ) तत्त्वज्ञान को प्राप्त करता है। 47. लेकिन अधिकतर संन्यासी उस समय जितेन्द्रिय होते थे , इसलिये किसी ने ध्यान न दिया। 48. जितेन्द्रिय पुरुष का शास्त्र ज्ञान और राख में किया हवन भी नष्ट हो जाता है।49. ऐसा शायद ‘ जिन ' अर्थात जितेन्द्रिय पुरुषों से सम्बन्ध के कारण कहा गया हो। 50. संगम तट पर वास करने वाले को सदाचारी , शान्त मन वाला तथा जितेन्द्रिय होना चाहिए।