41. किसी ने उस तरफ टॉर्च की रोशनी फेंकी तो एक पल को ठिठकी , फिर निश्शंक बढ़ती गयी. 42. आज हम आज़ाद जरूर हैं पर इस आज़ादी का दुरुपयोग निश्शंक हो कर कर रहे हैं मसलन : - 43. किस ज्योति पर निश्शंक हृदय पतंग लालायित हुए ? जाते शिखा की ओर, यों निज नाश हित प्रस्तु हुए? 44. अपने सिध्दांत का खंडन होते देखकर बोले-फूस का झोंपड़ा बनाकर आप अग्नि-ज्वाला से निश्शंक रह ही नहीं सकते। 45. इसलिए वह पाठकवर्ग कीधारणाओं की ओर से निश्शंक और निश्चिन्तहोकर , अपने प्रति सच्चारहकर, अपने को प्रकट कर सकता हैं. 46. निश्शंक रूप से यह मान लेना कि ब्राह्मण कोई अलग प्रजाति हैं / थे , बड़ी गहरी भूल होगी।47. सोफ़िया ने लाख यत्न किए कि पिता की ओर निश्शंक दृष्टि से देखे ; किंतु ऑंखें आप-ही-आप झुक गईं। 48. तोते ने चारों ओर गौर से देखा , निश्शंक हो गया, अतरा और आ कर पिंजड़े के ऊपर बैठ गया। 49. तोते ने चारों ओर गौर से देखा , निश्शंक हो गया, अतरा और आ कर पिंजड़े के ऊपर बैठ गया। 50. वह निश्शंक था कि भवितव्यता को अपने पुरुषार्थ से वर्तमान पर उतारने वाले योद्धाओं की पंक्ति में वह सम्मिलित है।