41. यह विशाल और भव्य वास्तुशिल्पीय अजूबा जयपुर , भारत, के ऐतिहासिक स्मारकों की आपकी भ्रमण के दौरान अवश्य ही देखने योग्य है। 42. एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार , कैलाशनाथमंदिर २००, ०००टन की चट्टान के उत्खनन से निर्मित हुआ, और इस को पूर्ण होने में १००वर्ष लगे। 43. चार खुली मेहराबों और चार मीनारों वाली भारतीय-अरबी शैली की भव्य वास्तुशिल्पीय रचना चारमीनार , क़ुतुबशाही काल की सर्वोच्च उपलब्धि मानी जाती है। 44. इस मंदिर के विशिष्टï ऐतिहासिक एवं वास्तुशिल्पीय महत्व के कारण भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक घोषित किया है। 45. [ 1] यूएमएल एक प्रणाली की वास्तुशिल्पीय रूपरेखा को देखने के लिए एक मानक तरीका प्रदान करता है, जिसमें निम्नलिखित तत्व शामिल हैं: 46. भारत , उड़ीसा में यह असाधारण वास्तुशिल्पीय नमूना हिन्दू देवता, भगवान शिव को समर्पित अत्यधिक वैभवशाली और प्रभावशाली मंदिरों में से एक है। 47. उपरोक्त वर्णित एएनएसआई प्रणाली के अलावा वास्तुशिल्पीय प्रयोजनों के लिए कागज़ के आकारों के एक संबंधित श्रृंखला भी उपयोग में लाई जाती है . 48. चार खुली मेहराबों और चार मीनारों वाली भारतीय-अरबी शैली की भव्य वास्तुशिल्पीय रचना चारमीनार , क़ुतुबशाही काल की सर्वोच्च उपलब्धि मानी जाती है। 49. चार खुली मेहराबों और चार मीनारों वाली भारतीय-अरबी शैली की भव्य वास्तुशिल्पीय रचना चारमीनार , क़ुतुबशाही काल की सर्वोच्च उपलब्धि मानी जाती है। 50. चंडीगढ़ गतिमान और उत्साही है तथा इसकी अनोखी वास्तुशिल्पीय अदा , उत्कृष्ट नगर-योजना, शान्त और स्वच्छ आबोहवा इसके सार्वभौमिक विशेषता को गौण करती है।