11. आमतौर पर यह चर्चा है कि फ़िराक साहब अक्खड टाइप के इंसान थे, लोगों से बेअदबी करते थे. 12. इसी तरह बडागाँव के अक्खड करतारा को जिससे गाँवभर के लोग खौफ खाते थे उन्होंने झुकने पर मजबूर कर दिया । 13. अपनी निर्भीकता के कारण वे “ अक्खड कबीर ” और स्वाभिमान के कारण “ अभिमान मेरु ” कहाये जाने लगे । 14. उन्हें अक्खड व्यक्ति दिखाने की कोशिश की गई है, लेकिन कई बार वे उदार निकले और अपने दुश्मन की उन्होंने मदद भी की। 15. दूसरी ओर रमेशरंजक की पंक्ति मे अक्खड और अडियलपन है यहाँ धूप में पाँव जलने पर सीना तन जाने की दुरूह कल्पना की गयी है। 16. मैं नाम तो नहीं लेना चाहता किन्तु इसी देच्च में कुछ क्षेत्रीय भाद्गााएं ऐसी है जिनमें अक्खड पन के अलावा और कुछ दिखता नहीं है। 17. दूसरी ओर रमेशरंजक की पंक्ति मे अक्खड और अडियलपन है यहाँ धूप में पाँव जलने पर सीना तन जाने की दुरूह कल्पना की गयी है। 18. एक अक्खड , मर्दवादी, बकवादी और स्त्री और घर के चक्कर में खुद को लुटा पिटा मानने वाले पुरुष के अंदरूनी गुबार को पेश करती है! 19. एक अक्खड , मर्दवादी, बकवादी और स्त्री और घर के चक्कर में खुद को लुटा पिटा मानने वाले पुरुष के अंदरूनी गुबार को पेश करती है! 20. हर इंसान के लिए उनकी अलग भूमिका थी, वे नाफर्मानों के लिए अक्खड थे तो गरीबों-मजलूमों के लिए हमदर्द और अभिभावक की भूमिका में नज़र आते.