यही अक्लांत कौरव की कथा है जो धीरे-धीरे पश्चिमी बंगाल के बहुप्रचारित भूमि-सुधरों के ढोल की पोल खोलते हुए, सत्ताधरियों के चरित्र की बखिया उधेडते हुए आगे बढती है।
12.
बीत चुके कई हजार लम्हें कई रातें भी पुन: जाग गईं..., खिलते-मुरझाते पंखुड़ियों का रोज सवेरा और मातम आता-जाता है, अक्लांत हृदय में दारुणता तन्हइयों की सुध दे जाता है......
13.
बीत चुके कई हजार लम्हें कई रातें भी पुन: जाग गईं..., खिलते-मुरझाते पंखुड़ियों का रोज सवेरा और मातम आता-जाता है, अक्लांत हृदय में दारुणता तन्हइयों की सुध दे जाता है......
14.
हिंदी के पाठक महाश्वेता देवी को मूलत: उनके उपन्यासों-1084 वें की मां, जंगल के दावेदार, चोट्टिमुंडा और उसका तीर, अग्निगर्भ और अक्लांत कौरव आदि के कारण जानते हैं, पर ‘
15.
उसके उस उद्भासित प्राण ने मेरी उस दिन की सारी सूर्य-किरणों को सजीव कर दिया ; मुझे लगा, मुझे जिस प्रकृति ने अपने आकाश से वेष्टित कर रखा है वह उस तरुणी के ही अक्लांत, अम्लान प्राणों का विश्व-व्यापी विस्तार है।
16.
मैं उन्माद! मैंने जान लिया है ख़ुदको आज खुल गए है सब बाँध! मैं परशुराम की कठोर कुठार निःक्षत्रिय करूँगा विश्व लाऊँगा शांति शांत उदार मैं बलराम का हल यज्ञकुंड में होगा दाहक दृश्य! मैं महा विद्रोही! अक्लांत! उस दिन होऊँगा शांत-जब उत्पीड़ितों का क्रंदन शोक आकाश वायू में नहीं गूँजेगा ।
17.
यह मेरे प्रिय कवि इसलिए भी हैं कि कविता-भाषा को अपने भव्य एकांत में भी अक्लांत रखते गिरिराज किराडू बिना आहट एक ऐसी पुनीत और मासूम कविता आप को सौंप जाते हैं जिसका स्वाद निहायत व्यक्तिगत होते भी नितांत अनूठा है-अनइनीमिटेबल! मैं उनकी कविता के मोहपाश से बंधा हूँ! आप को आभार कवि को तो खैर है ही!
18.
तुम मुझे ले जाती हो इस पृथ्वी की निर्जन प्रातों तक अक्लांत धूसर गहन रातों तक तुम्हारे होने से ही खिलता है नील चंपा मैंने तुममें देखा, पाया वह उन्नत भाव समवित जो मानवता का अब तक का संचय नहीं तुम रूप, नहीं आसक्ति, नहीं मोह, नहीं प्यार जीवन का एक उदास पर भव्य गान अंबुधि से उठी एक लहर विशाल जिसमें भीगा मेरा भाल...
19.
(सभी बंग्ला से हिन्दी में रुपांतरण) अक्लांत कौरव, अग्निगर्भ, अमृत संचय, आदिवासी कथा, ईंट के ऊपर ईंट, उन्तीसवीं धारा का आरोपी, उम्रकैद, कृष्ण द्वादशी, ग्राम बांग्ला, घहराती घटाएँ, चोट्टि मुंडा और उसका तीर, जंगल के दावेदार, जकड़न, जली थी अग्निशिखा, झाँसी की रानी, टेरोडैक्टिल, दौलति, नटी, बनिया बहू, मर्डरर की माँ, मातृछवि, मास्टर साब, मीलू के लिए, रिपोर्टर, रिपोर्टर, श्री श्री गणेश महिमा, स्त्री पर्व, स्वाहा और हीरो-एक ब्लू प्रिंट आदि...
20.
(सभी बंग्ला से हिन्दी में रुपांतरण) अक्लांत कौरव, अग्निगर्भ, अमृत संचय, आदिवासी कथा, ईंट के ऊपर ईंट, उन्तीसवीं धारा का आरोपी, उम्रकैद, कृष्ण द्वादशी, ग्राम बांग्ला, घहराती घटाएँ, चोट्टि मुंडा और उसका तीर, जंगल के दावेदार, जकड़न, जली थी अग्निशिखा, झाँसी की रानी, टेरोडैक्टिल, दौलति, नटी, बनिया बहू, मर्डरर की माँ, मातृछवि, मास्टर साब, मीलू के लिए, रिपोर्टर, रिपोर्टर, श्री श्री गणेश महिमा, स्त्री पर्व, स्वाहा और हीरो-एक ब्लू प्रिंट आदि
अक्लांत sentences in Hindi. What are the example sentences for अक्लांत? अक्लांत English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.