11. इनका शिकार कोई अन्य कीट, या अपृष्ठवंशी जीव होता है। 12. इनमें अपृष्ठवंशी प्राणी बहुत कम होते हैं, विशेषकर बहनेवाले जल में। 13. अपृष्ठवंशी प्राणियों में केवल शरकृमिवर्ग (किटोग्नाथा) और शल्यचर्म (एकिनोडर्माटा) द्वितीयमुखी होते हैं।14. आर्डोविशियन (Ordovician) में अपृष्ठवंशी प्राण्यिों का उत्कर्ष और मछलियों का जन्म हो गया। 15. ट्राइऐसिक में समुद्री अपृष्ठवंशी प्राणियों की कमी हुई और बड़े उरग डायनोसॉर की वृद्धि। 16. ट्राइऐसिक में समुद्री अपृष्ठवंशी प्राणियों की कमी हुई और बड़े उरग डायनोसॉर की वृद्धि। 17. सूत्रकृमि या गोल कृमि (नेमैटोड) अपृष्ठवंशी , जलीय, स्थलीय या पराश्रयी प्राणी है। 18. तारा मछली इकाइनोडरमेटा संघ का अपृष्ठवंशी प्राणी है जो केवल समुद्री जल में ही पायी जाती है। 19. अपृष्ठवंशी प्राणियों में केवल शरकृमिवर्ग (किटोग्नाथा) और शलयचर्म (इकाइनोडर्म) द्वितीयमुखी होते हैं, और शेष सब आद्यमुखी होते हैं।20. अधिकांश जंतु रीढ़वाले या कशेरुकी (verterbate) हैं और अपेक्षया कुछ थोड़े से ही अकशेरुकी या अपृष्ठवंशी (invertebrate) हैं।