11. यह ज्ञान की ज्योति वह एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में देता है जो सच्चा और अमानतदार होता है। 12. यह ज्ञान की ज्योति वह एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में देता है जो सच्चा और अमानतदार होता है। 13. इन सब चीजों का मालिक वास्तव में सच्चा मालिक है और वह स्वयं तो केवल एक अमानतदार है । 14. जो उसका हुक्म मानता है वह अच्छा, सच्चा और अमानतदार होगा और जो ऐसा नहीं होगा वह ग़ददार होगा । 15. जो उसका हुक्म मानता है वह अच्छा, सच्चा और अमानतदार होगा और जो ऐसा नहीं होगा वह ग़ददार होगा । 16. तुम वास्तव में मत के सच्चे, सत्यवादी और अल्लाह के आदेशों की रक्षा करने वाले (अमानतदार ) वास्तविक नबी हो. 17. मुसलमान वह है जो सच्चा हो, अमानतदार हो, खुदा को याद रखने वाला और उसके हुक्मों को पूरा करने वाला हो। 18. आपका नाम यधपि मुहम्मद था परन्तु इन्हीं गुणों के कारण लोग आपको « सत्यवादी » तथा « अमानतदार » की अपाधि से पुकारते थे। 19. आपका नाम यधपि मुहम्मद था परन्तु इन्हीं गुणों के कारण लोग आपको « सत्यवादी » तथा « अमानतदार » की अपाधि से पुकारते थे। 20. इस आयत के नाज़िल होने के बारे में मिलता है कि: पैग़म्बर (स) के दुश्मन भी आपको सच्चा और अमानतदार कहते थे।