11. जिनकी सहायता से कठिन से कठिन फलनों का भी अवकलज निकाला जा सकता है। 12. में कोई द्वितीय अवकलज नहीं हैं, जैसा कि ताप समीकरण में पाया जाता है. 13. पर अवकलज निम्नलिखित सीमा के बराबर होता है (बशर्ते सीमा का अस्तित्व हो)- 14. किसी व्यंजक या फलन का अवकलज निकालना अवकलन (differential calculus) की प्राथमिक क्रिया है। 15. जिनकी सहायता से कठिन से कठिन फलनों का भी अवकलज निकाला जा सकता है। 16. अधिअकतम या न्यूनतम (maximum or minimum) के लिये पहला अवकलज शून्य होना चाहिये। 17. गणित में चरघातांकी फलन एक ऐसा फलन है जिसका अवकलज उसी के बराबर होता है। 18. गणित में चरघातांकी फलन एक ऐसा फलन है जिसका अवकलज उसी के बराबर होता है। 19. किसी वक्र (curve) का किसी बिन्दु पर प्रवणता (slope) जानने के लिये उस बिन्दु पर अवकलज की गणना करनी पड़ती है। 20. अवकलन इस दृष्टि से समाकलन से भिन्न है कि अवकलज निकालने के लिये छोटे-छोटे और सरल नियम व उपाय हैं;