11. यह काकस आक्टोपस का अष्टबाहु है, जो ज़र्रे-ज़र्रे को जकड़ चुका है । 12. यह काकस आक्टोपस का अष्टबाहु है, जो ज़र्रे-ज़र्रे को जकड़ चुका है । 13. मृदुनाविक (आर्गोनॉट) भी अष्टबाहु जाति का प्राणी है जो खुले समुद्र के ऊपरी तल पर तैरता पाया जाता है। 14. समुद्री जलचर विशेषज्ञों के एक दल ने अपने शोध के दौरान दो हजार से अधिक अष्टबाहु का अध्ययन किया। 15. जब अष्टबाहु की एक आंख कमजोर होने लगती है तो उसकी दूसरी तरफ की बाहें उसका सहारा बनती हैं। 16. मृदुनाविक (आर्गोनॉट) भी अष्टबाहु जाति का प्राणी है जो खुले समुद्र के ऊपरी तल पर तैरता पाया जाता है। 17. अष्टबाहु का कोमल, गोलाकार या अंडाकार शरीर दस सेंटीमीटर से लेकर करीब बीस-पचीस फुट तक लंबा हो सकता है।18. सभी अष्टबाहु जहरीले होते हैं परन्तु सिर्फ नीले छ्ल्ले वाले अक्टोपस का विष ही मनुष्य के लिए घातक होता है। 19. अष्टबाहु जब अपनी आठ बाहुओं को फैलाकर समुद्र तल पर रेंगता सा तैरता है तो एक बड़े मकड़े के सदृश दिखाई देता है।20. अष्टबाहु जब अपनी आठ बाहुओं को फैलाकर समुद्र तल पर रेंगता सा तैरता है तो एक बड़े मकड़े के सदृश दिखाई देता है।