11. वजह आँवल , कोई आंतरिक त्रुटि या विकास में कोई अन्य त्रुटि हो सकती है। 12. अगर नियत समय पर आँवल नहीं निकलता है तो मरीज को बेहोश करके निकाला जाता है। 13. आँवल के गर्भाशय से बाहर निकलने पर ही तीसरा और अंतिम चरण संपन्न् हो पाता है।14. आँवल के गर्भाशय से बाहर निकलने पर ही तीसरा और अंतिम चरण संपन्न् हो पाता है।15. यह कहकर उसने आँवल आसिफजहाँ की तरफ बढ़ाई और फिर जितनी औरतें थीं सबने बारी-बारी देखी और अपनी राय जाहिर की। 16. शिशु का गर्भाशय में स्थान, आँवल का स्थान, दोनो शिशु का विकास वगैरह ऐसी बातें हैं जिस पर नज़र रखी जानी चाहिए। 17. अम्लपित्त रोग में क्या खाए ँ अम्लपित्त रोगी को मिश्र ी, आँवल ा, गुलकं द, मुनक्का आदि मधुर द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए। 18. अम्लपित्त रोग में क्या खाए ँ अम्लपित्त रोगी को मिश्र ी, आँवल ा, गुलकं द, मुनक्का आदि मधुर द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए। 19. एक प्रकार की पारदर्शी झिल्ली जिसमें कोई जीव या उसका अंशविशेष लिपटा रहता है ; खेड़ी ; आँवल 2. गर्भाशय 3. केंचुली 4. समुद्र फल। 20. ” ऐ लो, यह कौन-सा नया दस् तूर तुमने निकाला है, जो तुम् हारा हक है वह मैं पहले ही आँवल के कूँड़े में डाल चुकी हूँ।