11. तरंगदैर्ध्य वाला एक फोटॉन बांयें से आपतित होता है ; स्थिर लक्ष्य से टकराता है; 12. तारे (पुतली को छोटा बड़ा कर यही आपतित प्रकाश का विनियमन karti है । 13. क्योंकि अब आपतित सौर विकिरण का ज्यादा अंश सतह से लौट ने लगता है । 14. आपतित करते हैं तथा हमारा मन्तव्य इनकी व्याख्या से अनुभूति के मार्ग के अनुशीलन तक15. जब श्वेत प्रकाश की किरण उन तीन फलकों में से एक फलक पर आपतित होती है। 16. तरंगदैर्ध्य वाला एक फोटॉन बांयें से आपतित होता है ; स्थिर लक्ष्य से टकराता है; तथा 17. पर आपतित होती है और प्रेक्षक इन दोनों किरणों के द्वारा बनी व्यतिकरण फ्रंजों को देखता है। 18. इसका कारण यह है कि इस प्रकार के आपतित प्रकाश में परस्पर समकोणिक, किंतु भिन्न आयामों ( 19. हो जाता है और पारगमित प्रकाश का लोप हो जाता है, चाहे आपतित प्रकाश के आयाम का मान ( 20. श्वेत सतहें आपतित किर्णों के ध्रुवन को नहीं बदलती हैं अर्थात जैसा ध्रुवन आपतित हुआ वैसा ही परावर्तित हुआ।