11. आशिक़ों को कब बख्शा है ज़माने ने, हर अदा को ही आशिक़ाना कहने लगे | 12. यूँ मुद्दई हसद से न दे दाद तू न दे आतिश ग़ज़ल ये तूने कही आशिक़ाना क्या? 13. भाई साहिब, इन ज़मीनों में मज़ामीन आशिक़ाना की गुंजाइश कहाँ? मुआफ़िक इस ज़मीन के अशआर मरबूत हैं। 14. यह ग़ज़ल अपनी चाल से रिंदाना, जमाल से आशिक़ाना और कमाल से सूफ़ियाना रही है. 15. हमेशा ज़िन्दगी से इश्क़ फ़रमाया मिज़ाज अपना रहा कुछ आशिक़ाना भी वाह वाह, क्या बात है । 16. शुरुआत कर रहे हैं लता मंगेशकर के गाए फ़िल्म ' पाक़ीज़ा ' के गीत “ मौसम है आशिक़ाना ” से। 17. Amबेताब है कमाल हमारा दिल-ए-अज़ीममहमाँ साराय-ए-जिस्म का होगा रवना क्यायूँ मुद्दई हसद से न दे दाद तू न देआतिश ग़ज़ल ये तूने कही आशिक़ाना क्या? 18. इन पड़ावों में एक बड़ा ही सुहाना, बड़ा ही आशिक़ाना , और बड़ा ही मस्ती भरा पड़ाव होता है, जिसे हम जवानी कहते हैं। 19. यह विधा कई देशों और संस्कृतियों से गुज़र के भारत आई थी, इसीलिए वह एक साथ सूफ़ियाना भी है, रिन्दाना भी है और आशिक़ाना भी है. 20. यह विधा कई देशों और संस्कृतियों से गुज़र के भारत आई थी, इसीलिए वह एक साथ सूफ़ियाना भी है, रिन्दाना भी है और आशिक़ाना भी है.