11. उत्तर काल में लिखे गये संग्रह ग्रंथों में तत्कालीन समय की सम्पूर्ण धार्मिक व्यवस्था का12. इस पीढ़ी का उत्तर काल जो हमें विरासत में मिला है वह कम महत्वपूर्ण नहीं। 13. (4) उत्तर काल -यह काल अंतिम हिमनदीय कल्प के अंतिम चरण में पाया जाता है। 14. स्वयं सुमित्रानंदन पन्त उत्तर काल में प्रगति वाद और मार्क्सवाद से अछूते नहीं रहे. 15. दूसरे चंडीदास द्विज चंडीदास थे जो चैतन्य के बाद में या उत्तर काल में हुए। 16. दूसरे चंडीदास द्विज चंडीदास थे जो चैतन्य के बाद में या उत्तर काल में हुए। 17. वही मह्रर्षि अपने जीवन के इस उत्तर काल में योगविज्ञान पर गहरे अनुसन्धान में लगे थे। 18. महाभारत के उत्तर काल की उस क्षेत्र की आभीर जातीयों ने उनकी अधीनता स्वीकार कर ली थी। 19. उत्तर काल में उत्तरी भूभाग के धर्मस्थान अथवा देवालय बहुधा लकड़ी तथा अन्य सामान के बने होते थे।20. उत्तर काल में लिखे गये संग्रह ग्रंथों में तत्कालीन समय की सम्पूर्ण धार्मिक व्यवस्था का वर्णन मिलता है।