11. क्रय-अभिक्रय-अनुबंध (हायर परचेज़-अनुबंध) उपनिधान (वेलमेंट) की श्रेणी का अनुबंध माना गया है। 12. क्रय-अभिक्रय-अनुबंध (हायर परचेज़-अनुबंध) उपनिधान (वेलमेंट) की श्रेणी का अनुबंध माना गया है। 13. उपनिधान को ‘गिरवीकर्ता ' कहा जाता है तथा उपनिहिति को ‘गिरवीग्राही' कहा जाता है।14. सम्पत्ति:-उपनिधान में, उपनिहिती को केवल उपनिधान की गई वस्तुओं का अधिकार मिलता है। 15. सम्पत्ति:-उपनिधान में, उपनिहिती को केवल उपनिधान की गई वस्तुओं का अधिकार मिलता है। 16. उपनिधान ऐसी संविदा के अधीन एक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को किसी प्रयोजनार्थ किया गया।17. उपनिधान को ‘ गिरवीकर्ता ' कहा जाता है तथा उपनिहिति को ‘ गिरवीग्राही ' कहा जाता है।18. बिक्री का अधिकार:-उपनिहिती उपनिधान की गई वस्तुओं पर ग्राहक के अधिकार का प्रयोग कर सकता है। 19. उपनिधान ऐसी संविदा के अधीन एक व् यक्ति द्वारा किसी दूसरे व् यक्ति को किसी प्रयोजनार्थ किया गया।20. सम् पत्ति:-उपनिधान में, उपनिहिती को केवल उपनिधान की गई वस् तुओं का अधिकार मिलता है।