11. व्यायाम से इसकी ऊर्ध्व गति हो जाती है और यह ओज के रूप में चमकने लगता है । 12. सूर्य से ऊष्मा ले गर्म होते हुए तेज़ी से ऊपर उठती है (ऊर्ध्व गति करती है). 13. ऊर्ध्व गति द्वारा अग्नियां द्यौ (दिव) का प्रीणन करती हैं और अधोगति में पर्जन्य भूमि का प्रीणन करते हैं ।14. प्रेम शरीर में जन्म लेता है लेकिन वह ऊर्ध्व गति धारण कर प्रेमी प्रेमिका के मन के आकाश की ओर उड्डीयमान होता है। 15. जीवन को ऊर्ध्व गति देती ही ये रचना. बधाई!आपकी ब्लोगिया दस्तक हमारे लिए प्ररक है उत्प्रेरक है लेखन का.चिंतन का. 16. ईम् वस्तुतः बाह्यजगत में व्याप्त ब्रह्म की वह ब्राह्मी शक्ति है जो ऊर्ध्व गति करती हुई व्यष्टिगत व्यक्तित्व में प्रवेश करती जाती है । 17. स्वच्छंद तंत्र में यह दिखाया गया है कि ऊर्ध्व गति में किस प्रकार कारणों का परित्याग होते होते अखंड पूर्णतत्व में स्थिति हो जाती है। 18. स्वच्छंद तंत्र में यह दिखाया गया है कि ऊर्ध्व गति में किस प्रकार कारणों का परित्याग होते होते अखंड पूर्णतत्व में स्थिति हो जाती है। 19. सृष्टि की उत्पती, उसका उद्देश् य आत् मा की अधोगति, ऊर्ध्व गति और परमात् मा का स् वरूप-यह मूलत: इस किताब की रूप रेखा है। 20. तदुपरान्त उसे मनोमय पुरुष, विद्युत वाक्, गाय, अग्नि, मरणोत्तर ऊर्ध्व गति , अन्न व प्राण-रूप में ' ब्रह्म ' को स्वीकार कर उसकी उपासना की बात कही गयी है।