11. मैंने और ऋत्विज भैया ने अपनी अपनी पतंगों के साथ फोटो भी खिंचाई । 12. हैं कि सामान्य रीति से यज्ञादि में ऋत्विज वगैरह दक्षिणा ही के लोभ से आते 13. कर्मकाण्ड में यजमान ब्रह्मा नामक ऋत्विज के साथ दक्षिण दिशा में उत्तराभिमुख होकर बैठता है । 14. सोमयाग मे आपकी प्रशंसा करते हुये ये ऋत्विज एवं यजमान आपकी दानशिलता को जानते है ॥६॥ 15. तब भरत ने अर्थी को रत्नों से सुसज्जित कर ऋत्विज पुरोहितं और आचार्यों के साथ बैठ कर अग्निहोत्र किया। 16. `नान्यः पन्था विद्यतेस्नाय ' ऋतुओं में ही यज्ञ करने से यज्ञकर्ता का नाम ऋत्विज अर्थात ऋतुओं में यजन करने वाला प्रसिद्ध हुआ. 17. बाँस के ऊपर कला प्रदर्शन करने वाले नट के समान ब्रम्हा नामक ऋत्विज श्रेष्ठ स्तुतियो द्वारा इन्द्रदेव को प्रोत्साहित करते हैं॥१॥ 18. फिर यजमान कैसे स्वर्गरोहण करता है? ' याज्ञवल्क्य-' ऋत्विज , ब्रह्मा और चन्द्रमा के द्वारा स्वर्गारोहण करता है। 19. उनके ऐसा आदेश देने पर भरत ने अर्थी को रत्नों से सुसज्जित कर ऋत्विज पुरोहितों तथा आचार्यों के निर्देशानुसार अग्निहोत्र किया। 20. ‘नान्य: पन्था विद्यतेस्नाय' ऋतुओं में ही यज्ञ करने से यज्ञ कर्ता का नाम ऋत्विज अर्थात ऋतुओं में यजन करने वाला प्रसिद्ध हुआ।