11. ऐंग्लो-सैक्सन कानून निरंतर कई शताब्दियों तक पांडुलिपि के आँचल में छिपे पड़े रहे।12. इसलिए डब्ल्यू. पी. कर के शब्दों में ऐंग्लो-सैक्सन साहित्य पुरानी दुनिया का साहित्य है। 13. ऐंग्लो-सैक्सन कानून निरंतर कई शताब्दियों तक पांडुलिपि के आँचल में छिपे पड़े रहे।14. ऐंग्लो-सैक्सन कविता की तरह बाद वाले युगों में उसका संबंध विच्छेद करना असंभव है।15. ऐंग्लो-सैक्सन कविता का शुद्ध धर्मविषयक अंश भी इन गाथाओं के रूप से प्रभावित है16. ऐंग्लो-सैक्सन कविता की तरह बाद वाले युगों में उसका संबंध विच्छेद करना असंभव है।17. ऐंग्लो-सैक्सन कबीले ट्यूटन जाति के थे जो प्रकृति और प्राकृतिक देवी-देवताओं के पूजक थे।18. ऐंग्लो-सैक्सन कविता का शुद्ध धर्मविषयक अंश भी इन गाथाओं के रूप से प्रभावित है19. ऐंग्लो-सैक्सन लोग जर्मनी, डेनमार्क और अन्य पश्चिमी यूरोपीय क्षेत्रों के जर्मैनी भाषी क़बीलों के वंशज थे20. इंग्लैंड में बसने के समय ऐंग्लो-सैक्सन कबीले बर्बरता और सभ्यता के बीच की स्थिति में थे।