11. प्रजा के नाते हमारा धर्म यही है कि युद्ध के गुण-दोषों का विचार किए बिना उसमें यथा शक्ति सहायता करें। 12. सामान्यत: आखातीज के दिन मुहूर्त का विचार किए बिना विवाह करने की परंपरा हमारे देश में हजारों वर्षो से प्रचलित है। 13. निजी राग द्वेष से प्रेरित होकर संसार के हित-अनहित का विचार किए बिना जो कार्य किए जाते हैं वे पूर्ण हैं । 14. स्मृतिभ्रंश) के कारण लाभ हानि का विचार किए बिना ही किसी विषय का सेवन या जानते हुए भी अनुचित वस्तु का सेवन करना। 15. ज्योतिíलंग-क्षेत्र एवं तीर्थस्थान में तथा शिवरात्रि-प्रदोष, सावन के सोमवार आदि पर्वो में शिव-वास का विचार किए बिना भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है। 16. क्रोध में भरे हुए सुदामा ने भी हित अहित का विचार किए बिना राधा को मनुष्य योनि में जन्म लेने का शाप दे दिया। 17. वे कहते हैं, सुख-दुख, जय-पराजय, हानि-लाभ का विचार किए बिना युद्ध के लिए युद्ध करो अर्थात कर्म के लिए कर्म करो। 18. क्रोध में भरे हुए सुदामा ने भी हित अहित का विचार किए बिना राधा को मनुष्य योनि में जन्म लेने का शाप दे दिया। 19. प्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह के मुहूर्त का विचार किए बिना ही किसी का भी विवाह करने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। 20. अंतिम लक्ष्य दृष्टि में रखे बिना साधना करने पर हमारी स्थिति उस पथिक की होती है, जो गंतव्य का विचार किए बिना ही यात्रा करता जाता है।