11. इस बोली में वही साफगोई और निश्छलता है जो हमारी रगों में कूट- कूट कर भरी है। 12. जीवन की किसी भी समस्या का समाधान गीता के श्लोकों में कूट- कूट कर भरा पड़ा है। 13. सहृदयता, ममता, स्नेह, आत्मीयता की प्रवृत्ति हमारे रोम-रोम में कूट- कूट कर भरी है। 14. यह बात समझने के लिए देशों की ही नहीं, अपने घर की कूट- नीति पर ही नज़र डालिए। 15. ब्राह्मणत्व तो एक मनोभूमि है, जिसमें आत्म-परिष्कार और लोक मंगल के तत्व कूट- कूट कर भरे होते हैं ।। 16. सारे विश्व के मानवों की अंतःप्रेरणा को श्रेष्ठ दिशा में प्रेरित करने की क्षमता उसमें कूट- कूट कर भरी हुई है ।। 17. क्योंकि गंगा की महिमा के गुण-गान के प्रवचन इसलिए निरर्थक है कि हर हिन्दू में गंगा के प्रति आस्था कूट- कूट कर भरी है । 18. उन्होंने अपने को नादान बताया पर ग्रेयर कहां मानने चला था! उसने महल के अहाते में और आसपास कांच कूट- कूट कर बिछवा दिए । 19. इस मंदिर की जंघा की उष्णीयसज्जा में कूट- छाद्य शीर्षयुक्त भरणियों और कपोतों का प्रयोग हुआ है, जो गुजरात के मध्यकालीन मंदिरों का एक विशिष्ट लक्षण है। 20. बात उस समय की है जब देश नया-नया आजाद हुआ था और इसे हर लिहाज से आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की भावना हर देशवासी में कूट- कूट कर भरी थी।