11. समय के साथ ध्रुवांतर द्वारा घुमे गए कोण की दर को कोणीय वेग कहते हैं। 12. जब बल से कोणीय वेग में बदलाव होता है, उसे बल आघूर्ण कहा जाता है। 13. जब बल से कोणीय वेग में बदलाव होता है, उसे बल आघूर्ण कहा जाता है। 14. आंतरिक क्रोड के घूर्णन का कोणीय वेग पृथ्वी के कोणीय वेग से थोड़ा अधिक होता है। 15. आंतरिक क्रोड के घूर्णन का कोणीय वेग पृथ्वी के कोणीय वेग से थोड़ा अधिक होता है। 16. द्वारा 900 के एक कोणीय वेग पर एक गति की 70 ° चाप के माध्यम से लंबी चोटी 17. कोणीय वेग गतिज ऊजा हर जग्रह भीन्न होती है प्रथवी में अलग प्रथवी के बहार अलग होजी है18. जितने समय तक वह बलयुग्म कार्य करता रहेगा उतने समय तक उस पिंड का कोणीय वेग बढ़ता ही जायगा। 19. जितने समय तक वह बलयुग्म कार्य करता रहेगा उतने समय तक उस पिंड का कोणीय वेग बढ़ता ही जायगा। 20. गतिज ऊर्जा (घूर्णन गति) = (1/2) * I * w * w ; I = जडत्वाघूर्ण, w = कोणीय वेग