11. यह वह मीठा जहर है जो यकृत और क्लोम ग्रंथि में गड़बड़ी के कारण होता है. 12. (२) क्लोम दरारों के स्थान पर फेफड़ों का उत्पादन हुआ तथा रक्तपरिवहन में भी संबंधित परिवर्तन हुए। 13. (२) क्लोम दरारों के स्थान पर फेफड़ों का उत्पादन हुआ तथा रक्तपरिवहन में भी संबंधित परिवर्तन हुए। 14. इसी कारण इसमें जलश्वसनिकाएँ तथा क्लोम दारारें नहीं होतीं और इसका श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा ही होता है। 15. इस आसन से क्लोम ग्रंथि पर दबाव पड़ने के कारण मधुमेह के रोगियों को भी लाभ मिलता है। 16. इसी कारण इसमें जलश्वसनिकाएँ तथा क्लोम दारारें नहीं होतीं और इसका श्वसन केवल फेफड़ों द्वारा ही होता है। 17. उपास्थिदार मछलियों के जोड़ेदार क्लोम (गिल) और नासिकाएँ होती हैं और इनके हृदय द्विकक्ष (दो ख़ानों वाले) होते हैं। 18. अमाशय, लिवर, क्लोम ग्रंथ ी, गुर्दे, फेंफड़े, आँतें तथा मस्तिष्क में लाभ मिलता है। 19. क्लोम गं्रथि आमाशय के नीचे बीच में आड़ी पड़ी होती है जो पेट के ऊपरी भाग में स्थित है।20. यह वह मीठा जहर है जो यकृत और क्लोम गं्रथि (पैक्रियाज) में गड़बड़ी के कारण होता है।