11. यह जानते हुए भी मैंने यह अपराध् है, जो जरा भी क्षमा योग्य नहीं है। 12. स्क्रूटनी के बाद यह तय करेंगे कि कौन क्षमा योग्य है और किनकी शिकायत करनी है। 13. किसी भी कारण से यह अपराध हुआ हो, उसे क्षमा योग्य नहीं कहा जा सकता. 14. मानता हूँ हर अपराध क्षमा योग्य नहीं होता किन्तु हर छोटी मोटी गलती दंडनीय भी नहीं होती. 15. पर अगर आप मेरी आयु और अनुभव के अनुसार टिपण्णी को क्षमा योग्य समझें तो तो मैं कहना चाहूंगा कि, 16. क्योंकि इस्लाम की नजर में, हत्या, बलात्कार, चोरी, जनसंहार जैसे अपराध छोटे और क्षमा योग्य है. परन्तु 17. अपनी नासमझी में कभी-कभार वो ऐसी गलती कर बैठते हैं, जो सामाजिक और पारिवारिक तौर पर क्षमा योग्य नहीं होती. 18. ऐसे कई संगीन अपराधों को देखते हुये ये अदालत इस नतीजे पर पहुँची है कि मुज़रिमा के ये संगीन अपराध क्षमा योग्य नही। 19. यदि अनजाने में कोई धोखा हो जाए, परन्तु मन में कोई खोट न हो, तो किया गया यह छल क्षमा योग्य होगा। 20. ऐसी भूल क्षमा योग्य नहीं है और इसके लिए सजा होनी चाहिए ताकि आगे से कोई भी व्यक्ति इस तरह की भूल ना कर सके।