11. यह खगोलीय पिंड का व्यास 1, 800 फुट है और इसकी खोज 1999 में हुई थी। 12. यह खगोलीय पिंड पृथ्वी तक पहुंचा भी नहीं था और वायुमंडल में ही फट गया था। 13. ज्योतिष के अनुसार ग्रह वे खगोलीय पिंड हैं, जो पृथ्वी के साथ-साथ अंतरिक्ष में गतिमान हैं। 14. वह अकेले पृथ्वी, आकाश और अन्य खगोलीय पिंड को बनता है| वह स्वयं परमानंद है! 15. खगोलीय पिंड जीवन के विनाश का कारण होने के साथ उसके विकास में भी सहायक रहे हैं।16. इसके द्वारा किसी भी खगोलीय पिंड की भूमिस्थित द्रष्टा के सापेक्ष स्थिति को ज्ञात किया जाता है। 17. आप निश्चिंत रहें, 2012 में किसी खगोलीय पिंड के टकराने की वैज्ञानिक भविष्यवाणी नहीं की गई है। 18. इनके अलावा बहुत से खगोलीय पिंड ऐसे हैं, जो ग्रह का दर्ज मिलने के इंतजार में हैं। 19. ये गरम गैसों से स्वयंप्रकाशित खगोलीय पिंड हैं, जो अपने द्रव्य को निजी गुरुत्वाकर्षण से संबद्ध रखते हैं। 20. तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं।