11. उसने पास पड़ा गँड़ासा ‘ शटाले ' के ढेर के नीचे सरका दिया। 12. गँड़ासा लगा है क्या? ” और घर जाकर ढिबरी उठा लाने को कहा।13. उसने गाड़े से गँड़ासा उठा लिया-अगर केहू छुअल त एहि जा बालि देब! 14. भैरों-बस, यही मन में आता है कि चलकर गँड़ासा मारकर काम तमाम कर दूँ। 15. मुंशीजी ने कुल्हाड़ा, रामगुलाम ने गँड़ासा , इस ढंग से तीनों आदमी चौंकते-हिचकते दरवाजे पर आये। 16. क्यों मारेगा? कुछ कहेगा, कुछ पूछेगा, कुछ सवाल-जवाब करेगा कि योंही गँड़ासा चला देगा। 17. दूसरी तरफ मामा चुपचाप जमीन पर पड़ा गँड़ासा देखते, पूरा टोला और गजकरना हतप्रभ.. 18. दुलारी ने उसके हाथ से गँड़ासा छीनकर कहा-नीयत इतनी ख़राब हो गयी है तुम लोगों की, तभी तो बरक्कत नहीं होती। 19. उसने लपककर सामने आँगन में से गँड़ासा उठा लिया और उसे हाथ में लिये, फिर बोली-यह मत समझना कि मैं ख़ाली धमकी दे रही हूँ। 20. अगले दिन शाम को जब छाँटी (जानवरों का चारा) काटने के लिए बाउ के मामा उसी दिन का खरीदा गँड़ासा ढूढ़ने लगे तो बाउ और गँड़ासा दोनों गायब थे।