11. (एपीडीआर) प्रधान सुजातो भद्र का कहना एकदम सटीक है कि “पुलिस के सामने दिया गया बयान अदालत में ग्रहण योग्य नहीं होता। 12. तेरी पूजा ग्रहण योग्य मंदिर तो है! आराध्य नहीं है! आ बता दें कि तुझे कैसे जिया जाता है.... 13. उद्देश्य है नई-नई बातों को सामान्य श्रोताओं के ग्रहण योग्य बनाना और इसीलिए यहाँ उपदेश के मुख्य भाग की बार-बार पुनरावृत्ति की गई है। 14. उद्देश्य है नई-नई बातों को सामान्य श्रोताओं के ग्रहण योग्य बनाना और इसीलिए यहाँ उपदेश के मुख्य भाग की बार-बार पुनरावृत्ति की गई है। 15. भजन 19: 14 कहता है “मेरे मुँह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हो, यहोव परमेश्वर मेरी चट्टान छुटकारा देने वाला”। 16. पूरा गीत बहुत सुन्दर है पूजन लगन देखि मनमोहनि, मैं भी हूँ नतमस्तक तेरा तेरी पूजा ग्रहण योग्य मंदिर तो है! आराध्य नहीं है! 17. उद्देश्य है नई नई बातों को सामान्य श्रोताओं के ग्रहण योग्य बनाना और इसीलिए यहाँ उपदेश के मुख्य भाग की बार-बार पुनरावृत्ति की गई है। 18. उद्देश्य है नई नई बातों को सामान्य श्रोताओं के ग्रहण योग्य बनाना और इसीलिए यहाँ उपदेश के मुख्य भाग की बार-बार पुनरावृत्ति की गई है। 19. 14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले! 20. सिर्फ कुछ-हिस्से-जिनमे अतिरिक्त भोजन जमा है-सिर्फ वही दुसरे जीवों के ग्रहण योग्य हैं, बाकी का पूरा पौधा नहीं ।