इस प्रकार चर दशा एवं स्थिर दशा दोनों ही जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को जानने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
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मान लें चंद्र अमात्यकारक है और चर दशा कन्या की चल रही है और चंद्र कन्या से ग्यारहवें भाव में शुभ ग्रहों से दृष्ट है।
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प्रश्न: जातक के विवाह के विषय में जानने के लिए जैमिनी चर दशा कैसे देखें? उत्तर: विवाह के विषय को जानने के लिए दाराकारक विशेष महत्व रखता है।
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प्रश्न: व्यवसाय में विशेष सफलता कब प्राप्त होगी यह कैसे जानें? उत्तर: चर दशा जिस राशि की चल रही हो उससे यदि अमात्यकारक केंद्र त्रिकोण या ग्यारहवें में हो, तो उस दशा में जातक को विशेष लाभ होगा और प्रगति होगी।
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प्रश्न: चर दशा गणना में और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उत्तर: चर दशा गणना में वृश्चिक और कुंभ राशियों की अवधि निकालने में कुछ विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि इन दोनों राशियों के दो-दो स्वामी है अर्थात् वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल और केतु एवं कुंभ राशि के स्वामी शनि और राहु।
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प्रश्न: चर दशा गणना में और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उत्तर: चर दशा गणना में वृश्चिक और कुंभ राशियों की अवधि निकालने में कुछ विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि इन दोनों राशियों के दो-दो स्वामी है अर्थात् वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल और केतु एवं कुंभ राशि के स्वामी शनि और राहु।
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प्रश्न: जैमिनी ज्योतिष अन्य पद्ध तियों से कैसे भिन्न है? उत्तर: जैमिनी ज्योतिष में फलक. थन के लिए कारक ग्रह, राशियों की दृष्टि, चर दशा अर्थात राशियों की दशा-अंतर्दशा, कारकांश, पद और उपपद लग्नों का उपयोग किया जाता है जबकि अन्य पद्धतियों में भावों के स्वामी, ग्रहों की दृष्टि, ग्रहों की दशा-अंतर्दशा और गोचर का उपयोग किया जाता है।
चर दशा sentences in Hindi. What are the example sentences for चर दशा? चर दशा English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.