11. पुष्प के चारो भाग पुटचक्र, दलचक्र, पुमंग तथा जायांग इसमें पाएँ जाते हैं। 12. जायांग पाँच एवं प्रत्येक अंडप के अंतिम भाग में एक वर्तिकाग्र होते हैं।13. जायांग पाँच एवं प्रत्येक अंडप के अंतिम भाग में एक वर्तिकाग्र होते हैं।14. जायांग (Gynaecium) दो या तीन अंडव (Carpels) का होता है जो जुड़े हुए होते हैं।15. पुष्प के चारो भाग पुटचक्र, दलचक्र, पुमंग तथा जायांग इसमें पाएँ जाते हैं। 16. जैसा कि ऊपर वर्णित किया गया है कि व्यक्तिक फूलों के ज्यादातर नस्लों मे जायांग ( 17. जायांग पुष्पासन के बीच में तथा अन्य पुष्पयत्र प्यालानुमा रचना की नेमि या किनारों पर स्थित होते हैं.18. जायांग पुष्पासन के बीच में तथा अन्य पुष्पयत्र प्यालानुमा रचना की नेमि या किनारों पर स्थित होते हैं.19. गुलाब के पौधे में पुष्पासन जायांग से होता हुआ लम्बाई में वृद्धि करता है तथा पत्तियों को धारण करता है. 20. गुलाब के पौधे में पुष्पासन जायांग से होता हुआ लम्बाई में वृद्धि करता है तथा पत्तियों को धारण करता है.