11. कहै कबीर सो जीवता , दुइ मैं कदे न जाइ ।। 12. कहे कबीर सो जीवता , दुई मैं कदे न जा ई.. 13. तू जीवता तो कहलाता है पर है मरा हुआ (प्रकाशितवाक्य २: १) । 14. 12 हम अधोलोक की नाईं उन को जीवता , कबर में पड़े हुओं के समान समूचा निगल जाएं; 15. 12 हम अधोलोक की नाईं उन को जीवता , कबर में पड़े हुओं के समान समूचा निगल जाएं; 16. क्षमा याचना करता हू. जीवता मॉ-बाप ने रोटी नही देवे, कलियुग का बेटा जीवता मॉ-बाप ने रोटी नही 17. क्षमा याचना करता हू. जीवता मॉ-बाप ने रोटी नही देवे, कलियुग का बेटा जीवता मॉ-बाप ने रोटी नही 18. उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर यह कहा, “मत डर; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूँ। 19. रिचा की हिम्मत और जीवता को नमन...अंत भला तो सब भला...समाज के दोहरेपन को इंगित अच्छी रोचक कथा..आभार..!! 20. मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीवता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे ही पास हैं।