11. तापविद्युत् संयोजन द्वारा व्यापारिक दृष्टि से विद्युत् उत्पन्न करने में दो प्रकार की कठिनाइयाँ हैं: सैद्धांतिक एंव संरचनात्मक।12. तापविद्युत् संयोजन द्वारा व्यापारिक दृष्टि से विद्युत् उत्पन्न करने में दो प्रकार की कठिनाइयाँ हैं: सैद्धांतिक एंव संरचनात्मक।13. जहाँ A और B तापविद्युत् स्थिरांक हैं और इनका मान परिपथ के तारों की धातु पर निर्भर करता है। 14. यदि परिपथ में किसी दूसरी धातु का तार श्रेणीबद्ध कर दिया जाए तो तापविद्युत् प्रभावों में परिवर्तन नहीं होता। 15. यदि परिपथ में किसी दूसरी धातु का तार श्रेणीबद्ध कर दिया जाए तो तापविद्युत् प्रभावों में परिवर्तन नहीं होता। 16. इनमें से प्रथम घटना को तापविद्युत् (pyroelectricity) तथा दूसरी घटना को दाबविद्युत् (piezoelectricity) कहते हैं। 17. विभिन्न धातुओं के तापविद्युत् गुणों की तुलना करने के लिये सीस का एक तार तथा दूसरा उस धातु का लेते हैं जिसका तापविद्युत् का गुण ज्ञात करना है। 18. विभिन्न धातुओं के तापविद्युत् गुणों की तुलना करने के लिये सीस का एक तार तथा दूसरा उस धातु का लेते हैं जिसका तापविद्युत् का गुण ज्ञात करना है। 19. विभिन्न धातुओं के तापविद्युत् गुणों की तुलना करने के लिये सीस का एक तार तथा दूसरा उस धातु का लेते हैं जिसका तापविद्युत् का गुण ज्ञात करना है। 20. विभिन्न धातुओं के तापविद्युत् गुणों की तुलना करने के लिये सीस का एक तार तथा दूसरा उस धातु का लेते हैं जिसका तापविद्युत् का गुण ज्ञात करना है।