11. अब हम उन बातों पर विचार करेंगे जिनपर तापायनिक उत्सर्जन निर्भर रहता है। 12. प्रथम तापायनिक नली को फ्लेमिंग ने सन् 1904 में बनाया था जिसे द्विध्रुवी ( 13. पट्टिक से जब अत्यंत वेगगामी तापायनिक इलेक्ट्रान टकराते हैं तो पट्टिक से गौण उत्सर्जन होने लगता है। 14. इसे एलेक्ट्रॉन नली (उत्तरी अमेरिका), तापायनिक वॉल्व (यूके में) या केवल 'ट्यूब' या 'वॉल्व' भी कहते हैं। 15. इस चित्र से यह देखा जा सकता है कि तापायनिक धारा ओम के सिद्धांत के अनुसार नहीं बदलती। 16. इस कारण ऐसा लग सकता है कि थोड़े ही धन विभव पर काफी तापायनिक धारा बह सकती है। 17. यदि गैस की थोड़ी सी मात्रा निर्वात नली में पहुँचा दी जाए तो तापायनिक उत्सर्जन काफी बढ़ जाता है। 18. बहुत लंबी दूरियों को पार करनेवाली टेलिफोन तारों की प्रणालियों में निर्वात नलिकाएँ अथवा इलेक्ट्रॉनिक नलिकाएँ, जिन्हें तापायनिक ( 19. तापायनिक उत्सर्जन लगभग 1000° केल्विन के आसपास आरंभ होता है और फिर ताप बढ़ने के साथ शीघ्रता से बढ़ता है।20. उदाहरण के लिए हाइड्रोजन की न्यूनतम मात्रा भी एक निर्वात नली में पहुँचने पर तापायनिक धारा को 105 गुना बढ़ा सकती है।