11. तुषारी की लिपियाँ भारत की ब्राह्मी लिपि पर आधारित थीं और उन्हें तिरछी ब्राह्मी (12. [3] तारिम में हिंद-आर्य भाषाओँ से पारिवारिक सम्बन्ध रखने वाली तुषारी भाषाएँ बोली जातीं थीं। 13. ओढ़ कर बासंती परिधान तुषारी कोई प्रतिमाअंगनाई में खडी हो गई अनायास ही आकर मेरे & 14. अलग-अलग इतिहासकार उन्हें तुर्की, मंगोली, ईरानी, तुन्गुसी और तुषारी जातियों का बताते हैं। 15. माना जाता है कि यह एक हिन्द-यूरोपीय लोग थे जो शायद तुषारी लोगों से सम्बंधित रहें हों। 16. [3] तारिम में हिंद-आर्य भाषाओँ से पारिवारिक सम्बन्ध रखने वाली तुषारी भाषाएँ बोली जातीं थीं। 17. एक तख़्ती पर ब्राह्मी लिपि में लिखी हुई तुषारी ' बी' भाषा (कूचा, आक़्सू विभाग, शिनजियांग प्रान्त, चीन से मिली) 18. इस से और अन्य प्रमाणों से ज़ाहिर हुआ है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति और तुषारी संस्कृति में गहरे सम्बन्ध रहे हैं। 19. यह ज़िला तुषारी संस्कृति और बौद्ध धर्म से सम्बंधित पाई गई गुफ़ाओं के लिए मशहूर है, जो मुज़ात नदी के किनारे स्थित हैं। 20. इतिहासकारों का मानना है कि जब तुषारी-भाषी क्षेत्रों में तुर्की भाषाएँ बोलने वाली उईग़ुर लोगों का क़ब्ज़ा हुआ तो तुषारी भाषाएँ ख़त्म हो गई।