11. तृतीय युग का कोयला तथा खनिज तेल इस प्रदेश की मुख्य संपदाएं हैं।12. युग में और ऑस्ट्रेलियन क्षेत्र तृतीय युग के प्रारंभ में ही अलग हो गए थ। 13. यहाँ तक कि मध्य तृतीय युग में संसार के सारे जीवों में ये श्रेष्ठ हो गए। 14. यहाँ तक कि मध्य तृतीय युग में संसार के सारे जीवों में ये श्रेष्ठ हो गए। 15. फिर आश्चर्य वायु और भारद्वाज द्वितीय तथा तृतीय युग लगभग 500 और 400 वर्णां का निश्चित रहा होगा। 16. फिर आश्चर्य वायु और भारद्वाज द्वितीय तथा तृतीय युग लगभग 500 और 400 वर्णांे का निश्चित रहा होगा। 17. बहुतायत से पाए जाते थे, परंतु तृतीय युग के जीवविकास में स्तनधारी वर्ग के जीवों का विकास मुख्य है। 18. यह पर्वतश्रेणी बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी का ही एक भाग है, जिसका निर्माण तृतीय युग में हुआ था । 19. इस प्रकार भौमकीय इतिहास में तृतीय युग का विशेष स्थान है, क्योंकि इसी युग में भारत की वर्तमान सीमाओं का विस्थापन हुआ। 20. इस प्रकार भौमकीय इतिहास में तृतीय युग का विशेष स्थान है, क्योंकि इसी युग में भारत की वर्तमान सीमाओं का विस्थापन हुआ।