11. अब किसी द्युतिमान बिंदु से प्रकाश डालकर रेखाजाल प्रक्षिप्त किया जाता है। 12. इस विधि के अंतर्गत ग्लोब के केंद्र की द्युतिमान बिंदु मानते हैं। 13. परमाह्लादलहरीम् ॥21॥ तुम तड़ितलेखा-सम ज्योतिर्मयी सूक्ष्मातितन्वी ज्योति भी कैसी कि ज्यों द्युतिमान हों रवि 14. वे अग्नि की भाँति द्युतिमान , स्वर्ण की तरह कांतिमय,सूर्य की तरह दैदीप्यमान भी हैं। 15. द्युतिमान बिंदु को स्थिति पर आधारित खमध्य प्रक्षेपों के विभिन्न नाम निम्नलिखित हैं:16. द्युतिमान बिंदु को स्थिति पर आधारित खमध्य प्रक्षेपों के विभिन्न नाम निम्नलिखित हैं:17. तीसरी-इस आवृत्ति में द्युतिमान रहने की अर्थात ‘द्युतिकाल ' अवधि भी अलग रखे। 18. (अ) केंद्रक खमध्य प्रक्षेप: इनमें ग्लोब के केंद्र को द्युतिमान बिंदु माना जाता है। 19. (स) लंबवत् खमध्य प्रक्षेप: इसमें द्युतिमान बिंदु को अन्यत्र मानकर प्रकाश डाला जाता है। 20. वे जलती हुई अग्नि के समान उद्भासित होकर प्रलयकाल की अग्नि के समान द्युतिमान थे।