11. हमें धर्मच्युत करने या हमारा परिष्कार करने का कोई फतवा जारी नहीं होगा. 12. जो धर्मच्युत हो जाएगा वह असंस्कारी होकर स्वयं के अस्तित्व को ख़तरे में डालेगा. 13. इससे बने कुछ शब्दों पर गौर करें-पदच्युत, धर्मच्युत , समाजच्युत, जातिच्युत आदि । 14. जब हिन्दू समाज धर्मच्युत होकर छिन्न-भिन्न हो गया तो देश परकीयों का गुलाम होता चला गया। 15. भोले-भाले भगवद् जिज्ञासु भरम भटक कर इन्हीं आधा-अधूरे झूठे गुरुओं में सट-चिपककर धर्मच्युत हो रहे हैं । 16. जहां आपने सवाल किया आप काफिर, हेरेटिक, धर्मच्युत , और न जाने क्या-क्या हो जायेंगे. 17. साथ ही यह सच है कि हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमें नास्तिक आदमी भी समाजच्युत / धर्मच्युत नहीं होता... 18. बेजोड़ कथा पुनर्प्रस्तुति! अब युधिष्ठिर थे तो धर्मराज के अंश! वे धर्मच्युत हो भी कैसे सकते थे! 19. बंधु, बांधव, मित्र, हितैषी भी धर्मच्युत व्यक्ति का हित नहीं कर सकते और न साथ दे सकते हैं। 20. विनायक पहले भी लिख चुका है कि छोटे-बड़े ऐसे सम्मानों को प्राप्त करने वालों का छिद्रान्वेषण करें तो अधिकांश धर्मच्युत मिलेंगे।