11. नारीवाद, नारी विमर्श और नारी आंदोलन पश्चिमी संस्कृति और पश्चिमी जीवनदृष्टि की देन हैं. 12. पानी, ॡाखाना, चूल्हे आदि सवालों को मौजूदा नारी आंदोलन अपनाना नहीं चाहता है. 13. इसी तरह कदम-ब-कदम महिलाओं की चेतना और संघर्षशील मानसिकता आगे बढ़ेगी और नारी आंदोलन राजसत्ता से टकराएगा। 14. वह सब नारी आंदोलन के लिए ही नहीं, देश निर्माण की सभी परियोजनाओं के लिए काफी प्रासंगिक है। 15. वह सब नारी आंदोलन के लिए ही नहीं, देश निर्माण की सभी परियोजनाओं के लिए काफी प्रासंगिक है। 16. इसलिए नारी आंदोलन को रामचरितमानक का अवमूल्यन नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे अपने फायदे की बातें ढूंढ निकलानी चाहिए। 17. इसलिए नारी आंदोलन को रामचरितमानक का अवमूल्यन नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे अपने फायदे की बातें ढूंढ निकलानी चाहिए। 18. वह सब नारी आंदोलन के लिए ही नहीं, देश निर्माण की सभी परियोजनाओं के लिए काफी प्रासंगिक है। 19. इसलिए नारी आंदोलन को रामचरितमानक का अवमूल्यन नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे अपने फायदे की बातें ढूंढ निकलानी चाहिए। 20. असलियत यह है कि आधुनिकता का जो नया दौर आया है उसका नारी आंदोलन से कोई सकरात्मक संबंध नहीं हो सकता है.